By Jyoti Sohi
Published Dec 13, 2024

Healthshots

 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स कंट्रोल कर सकती हैं कोलेस्ट्रॉल लेवल, जानिए हार्ट हेल्थ के लिए इनके फायदे 

अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते हृदय रोगों का खतरा दिनों दिन बढ़ रहा है। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के चलते स्ट्रोक, छाती में भारीपन और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है। आयुर्वेद की मदद से इन समस्याओं को रोका जा सकता है। जानते हैं वो हर्बल लीव्स जिससे हृदय रोगों के प्रबंधन में मिलती है मदद।

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तुलसी से होगी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हल

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तुलसी के पत्तों का सेवन करने से शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा पाई जाती हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती हैं। इससे शरीर में बढ़ने वाली हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हल किया जा सकता है। खाली  पेट तुलसी के पत्तों को धोकर खाने से हृदय रोगों का जोखिम कम हो जाता है। 

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मेथी की पत्तियां बैड कोलेस्ट्रॉल कम 

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बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मेथी की पत्तियां मददगार साबित होती हैं। इनमें एंटी.डायबिटिक, एंटी.इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इस हृदय संबधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इसे सब्जी के रूप में पकाकर खाया जा सकता है। 

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पार्सले है विटामिन से भरपूर

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पार्सले यानि अजमोद में नाइट्रेट्स पाए जाते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखने में भी मदद मिलती है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड्स और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे सैलेड के रूप में खाया जा सकता है। 

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पुदीने में पाई जाती है एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा

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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों को दूर करने वाली पुदीने की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंटस और विटामिन ए की मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में मौजूद डैमेज सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है और आर्टरीज़ में जमने वाले प्लाह को भी कम किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में बढ़ने वाली ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। 

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मोरिंगा से होगी मैग्नीशियम की प्राप्ति

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मोरिंगा के पत्तों में पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। इससे सोडियम के स्तर को संतुलित करके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। मोरिंगा की पत्तियों में क्वेरसेटिन और क्लोरोजेनिक एसिड की मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जाता है। 

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