Ear pain in winter : सर्दियों में ज्यादा क्यों होता है कान में दर्द? क्या कान में तेल डालना सही है? डॉक्टर से जानते हैं

कान का दर्द तो किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन क्यों ऐसा होता है कि यह सर्दियों में बढ़ जाता है और इससे बचने के लिए बिना डॉक्टरी परामर्श के जो।नुस्खे हम अपनाते हैं,वे कितने सही हैं? इन सारे सवालों के जवाब जानिए
सभी चित्र देखे bachche hi nahi bade bhi ear pain se pareshan ho sakte hain
बच्चों ही नहीं , बड़ों में भी कान का दर्द बहुत आम है। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 11 Dec 2024, 07:00 pm IST
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डॉ. अनुप राज
इनपुट फ्राॅम

अंदर क्या है

  • सर्दियों में कान दर्द के सामान्य कारण
  • कान दर्द के कुछ अन्य कारण
  • कान दर्द से बचाव के उपाय 
  • कान दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार
  • कान के दर्द में कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास?

मुझे अच्छे से याद है। बचपन में गांव में सोते वक्त मुझे कान में तेज दर्द होता था। दादी कान में तेल डाल देती थीं। मैं भी दर्द और यक़ीन दोनों के साथ सो जाता था कि दादी का वह तेल पेन किलर ही बनेगा। बहरहाल, वक्त गुज़रा और मैं बड़ा हुआ तो पता लगा- यह एक मिथ था। डॉक्टर कान में तेल डालने को तो बिल्कुल भी पसन्द नहीं करते। यह भी मैंने तब ही नोटिस किया कि ऐसा अक्सर सर्दियों (Ear pain in winter) में ही होता था।

अपनी निजी कहानी मैंने इसलिए कही क्योंकि आज हम उसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि कान का दर्द सर्दियों में (Ear pain in winter) ज़्यादा क्यों हो जाता है और कान में तेल डालना या कुछ भी, बिना डॉक्टरी परामर्श के क्यों ग़लत है।

हमने कान के दर्द विशेषकर सर्दियों में कान के दर्द के कारणों को जानने के लिए कान,नाक और गला रोग विशेषज्ञ (ENT Specialist) और वर्तमान में मैक्स हॉस्पिटल नोएडा में कार्यरत डॉक्टर अनूप राज से बात की, तो उन्होंने हमें कुछ कारण बताए।

डॉक्टर के अनुसार, कान दर्द के बहुत से कारक और कारण होते हैं, लेकिन सर्दियों में जुकाम बहुत बड़ी वजह है, जिससे लोग कान दर्द से पीड़ित होते हैं।

क्या हैं सर्दियों में कान दर्द के सामान्य कारण (Causes of Ear pain in winter)

1.कंजेशन (Congestion)

दरअसल, हमारे सिर में यूस्टेशियन ट्यूब होती है जो गले के ऊपरी हिस्से और कान को जोड़ती है। इसका काम होता है अतिरिक्त हवा के दबाव और किसी भी प्रकार के तरल पदार्थ (Fluid) को कान तक आने से रोकना। जब आपको जुकाम या यूं कहें सर्दी होती है, तो आपके नाक का फ्लूइड यूस्टेशियन ट्यूब को जाम कर देता है। इस ट्यूब के जाम होने की वजह से ही आपको कान में दर्द (Ear pain in winter) होता है और कई बार कान बहने भी लगता है।

Cold weather me kyu badh jata hai ear pain
ठंडे मौसम में कई कारणों से कान के दर्द का जोखिम बढ़ जाता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

कई बार कान का दर्द आपके जुकाम के ठीक होते ही ठीक भी हो सकता है और कई बार यह और भी कई इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।

2. मिडल ईयर इंफेक्शन (Middle Ear Infection)

यह इंफेक्शन भी सर्दियों में कान के दर्द का आम कारण है। ये इंफेक्शन तब जन्म लेता है जब उसी यूस्टेशियन ट्यूब(गले के ऊपरी हिस्से से कान को कनेक्ट करने वाली ट्यूब) के जरिये जुकाम के वायरस आपके नाक और गले से होते हुए आपके कान तक पहुंच जाते हैं। यही वायरस फिर आपके अंदरूनी हिस्से में फ्लूइड बनाते हैं।

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फ्लूइड के ज़रिए, बैक्टीरिया का जन्म होता है और उसके बाद कान में दर्द तो शुरू ही हो सकता है लेकिन उसके साथ साथ कान में सूजन,सुनने में कठिनाई और कान बहने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यहां तक कि आपको बुखार तक से भी जूझना पड़ सकता है।

3. साइनस इंफेक्शन (Sinus Infection)

यह मिडल इंफेक्शन से एक कदम आगे का ख़तरा है जिसकी वजह से आपका कान दर्द हो सकता है। यह तब होता है जब आपका जुकाम कई दिनों तक रह जाए। इस इन्फेक्शन के बाद आपके कानों में दर्द के साथ प्रेशर भी बना रह सकता है। इसका मतलब यह है कि आपकी नाक और गले का फ्लूइड ज़्यादा मात्रा में आपकी कानों तक पहुंच चुका है। इसके बाद आपके कान में दर्द (Ear pain in winter), कान का बहना, सांस फूलना और दांत दर्द की समस्या भी हो सकती है।

और भी हैं कान दर्द के कारण (Other causes of ear pain)

यह कोई ज़रूरी नहीं कि सर्दियों में ही कान दुखते हैं,इसलिए बाकी कारण भी बताने ज़रूरी हैं जो कभी कभी हमारी खुद की लापरवाही से भी जन्म लेते हैं।

  1. कान में गंदगी (Ear wax) ज्यादा जमा हो जाने से भी कान में दबाव और दर्द बढ़ जाता है।
  2. हमारे देश की आधी आबादी नुकीली चीजों से कान खुजलाना पसन्द करती है,यह भूलकर कि कान इसका बुरा मान सकता है,जिसका दर्द उन्हें महसूस होगा।
  3. अगर आपको टॉन्सिलाइटिस है या फिर जबड़े की समस्या है तो ये दोनों समस्याएं भी कान दर्द का कारण बन सकती हैं।
  4. दांत का सड़ना या मसूड़ों की समस्या के कारण दर्द भी कान तक महसूस हो सकता है और हम कहते हैं कि कान दुख रहा है। ख़ास कर बच्चे जिन्हें समझ नहीं आता कि असल समस्या क्या है।

कान दर्द से बचाव के लिए याद रखें ये जरूरी बातें (How  to avoid ear pain in winter)

1. बच्चे हों या बड़े, दोनों के कान ढंके। ठंडी और तेज़ हवा अक्सर कान दर्द का कारण बन जाती है।
2. नहाते समय कान के अंदर पानी घुस जाना बहुत बार होता है। खास कर बच्चों के। आपको इस बात का ख्याल रखना है कि ऐसा ना होने पाए।
3. सर्दी-जुकाम से बचने के हर जतन करिए। कोई इंफेक्शन या टेम्परेचर का गिरना आपको जुकाम की जद में ले जा सकता है और हमने अभी पढ़ा ही कि जुकाम भी कान दर्द का एक बड़ा कारण है।
4. कान को साफ रखें लेकिन सफाई के चक्कर में नुकीली चीज़ें कान में डालने से बचिए। आपकी ये छोटी सी हरकत कान का बड़ा नुक़सान कर सकती है।

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लहसुन कान के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर
सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

कान दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedy for Ear Pain)

1. गर्म पानी की सिंकाई (Hot compress)

एक साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर निचोड़ लीजिये और उससे कान के चारों ओर हल्के हल्के सेंकिए। ये कानों की सूजन कम करेगा और दर्द (How to avoid ear pain in winter) से राहत देगा।

2. लहसुन भी काम का (Garlic for Ear Pain)

लहसुन की 2-3 कलियों को सरसों के तेल में गर्म करके ठंडा होने के बाद कान के चारो ओर बाहर से हल्के हल्के लगाइए। लहसुन अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण ऐसे दर्दों में मददगार है।

3.तुलसी का रस (Basil Juice for Ear Pain)

ताजी तुलसी की पत्तियों का रस निकालें और इसे कान के आसपास लगाएं। ये दर्द (Ear pain in winter home remedy) और इंफेक्शन को कम करेगा।

4. भाप लीजिये (Steam Inhalation)

गर्म पानी से भाप लें। यह कान के अंदर जमा फ्लूइड (fluid) को ढीला करके निकालने में मदद करता है।

ध्यान रखिये, यह सब कान के बाहर-बाहर ही करना है। दर्द को कम करने के लिए किसी भी चीज़ को बिना डॉक्टरी सलाह के कान के अंदर डालने से बचना है। वरना वह कहावत तो है ही
“नीम हकीम,खतरा-ए-जान”

कान का दर्द कब हो सकता है गंभीर या कब जाना है डॉक्टर के पास?

  1. अगर कान दर्द 2-3 दिनों तक ठीक न हो और बढ़ता ही जा रहा है तो आपको तुरन्त अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  2. अगर आपके कान से लगातार मवाद आ रहा हो तो यह किसी भी इंफेक्शन (Infection) का लक्षण हो सकता है।
  3. अगर कान से खून आ रहा है तो भी आपको अपने डॉक्टर से मिलना है। यह आपके कान में लगी किसी अंदरूनी चोट का संकेत है। या यह भी आपके कान के पर्दे फटे हों।
  4. अगर आपको दो या तीन दिन से लगातार सुनने में समस्या हो रही हो तो अपनी इस समस्या की सुन लें और डॉक्टर को सुनाएं।
  5. गले या जबड़े का इंफेक्शन या दर्द ठीक ना हो रहा हो तो भी डॉक्टर के पास जाएं क्योंकि वह इंफेक्शन या दर्द कान तक पहुंच सकता है।
  6. बच्चों को जब भी तेज बुखार के साथ कान में दर्द हो या फिर उनके कान से दुर्गंध आ रही हो तो डॉक्टर से मिल लीजिये।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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