सर्दी-खांसी का आयुर्वेदिक उपचार है सितोपलादि चूर्ण, यहां जानिए सामग्री और बनाने का तरीका

ठंड में सितोपलादि यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और सर्दी खांसी को ठीक करने में मदद करता है। सितोपलादि को खांसी का एक रामबाण इलाज माना जाता है (Sitopaladi churna benefits)।
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छाती में जमें कफ को बाहर निकालने में मदद करता है, वहीं इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण, श्वसन संबंधी संक्रमण को शांत करते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 5 Dec 2024, 04:45 pm IST
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आयुर्वेद में सितोपलादि को एक बेहद खास नुस्खे के रूप में जाना जाता है। महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों से बना यह चूर्ण, आपकी सेहत के लिए तमाम रूपों में फायदेमंद साबित हो सकता है। खासकर ठंड में यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और सर्दी खांसी को ठीक करने में मदद करता है। सितोपलादि को खांसी का एक रामबाण इलाज माना जाता है (Sitopaladi churna benefits)।

हालांकि, यह आसानी से बाजार में उपलब्ध होता है, पर घर के बिना मिलावट वाले सितोपलादि के अपने खास फायदे हैं (Sitopaladi Churna at home)। तो इस सर्दी इसे खुद से घर पर तैयार करें। यह सर्दी में आपकी बॉडी को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगा (Sitopaladi churna benefits)।

सितोपलादि चूर्ण बनाने की रेसिपी (Sitopaladi churna recipe)

इसे बनाने के लिए आपको चाहिए:

80 ग्राम वंक्षलोचन (बांस के पेड़ का सफ़ेद भाग)
150 ग्राम मिश्री (क्रिस्टल मिश्री)
40 ग्राम इलायची
20 ग्राम दालचीनी
10 ग्राम काली मिर्च
10 ग्राम पिप्पली

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सितोपलादि चूर्ण में खांसी को शांत करने की एक शक्तिशाली क्षमता होती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

जानें कैसे तैयार करना है सितोपलादि

सबसे पहले मिश्री को पाउडर के फॉर्म में कर लें।
फिर वंक्षलोचन और पिप्पली को भी पीस लें।
इसके बाद छोटी इलायची को छिल कर इलायची के दानों को अलग कर लें।
अब दालचीनी के साथ इलायची दानों को मिलाएं और इन्हें पिस लें।
अब सभी पीसी हुई चीजों को एक साथ मिला लें।
इस मिश्रण को एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें।

जानें सितोपलादि चूर्ण के फायदे (Sitopaladi churna benefits)

1. श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा दे

सितोपलादि चूर्ण का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में व्यापक रूप से फ्लू, छाती में जमाव और निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसी अन्य श्वसन समस्याओं से जुड़े बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह छाती में जमें कफ को बाहर निकालने में मदद करता है, वहीं इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण, श्वसन संबंधी संक्रमण को शांत करते हैं। इसके अलावा, सितोपलादि चूर्ण में खांसी को शांत करने की एक शक्तिशाली क्षमता होती है।

2. पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखे

सितोपलादि चूर्ण पाचन संबंधी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। यह अद्भुत चूर्ण पाचन, भूख को बढ़ावा देने और सिस्टम से टॉक्सिंस को साफ में प्रभावी रूप से कार्य करता है। यदि आप गैस, ब्लोटिंग और अपच आदि जैसी समस्याओं से अक्सर परेशान रहती हैं, तो ऐसे में सितोपलादि का नियमित सेवन इनसे निपटने में आपकी मदद कर सकता है।

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सर्दी और खांसी की समस्या से राहत प्रदान करती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. सूजन कम करे

सितोपलादि चूर्ण में मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण साथ ही इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पुरानी सूजन से राहत पहुंचते हैं। इस प्रकार सूजन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। कई अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि सितोपलादि चूर्ण आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक बेहद प्रभावी तरीका है।

4. एनीमिया का इलाज करता है

सितोपलादि चूर्ण में मौजूद तत्वों का मिश्रण कई महत्वपूर्ण मिनरल का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने में प्रभावी रूप से कार्य करता है। चूर्ण का नियमित सेवन थकान, चिड़चिड़ापन और ऊर्जा की कमी को दूर करने में मदद करता है।

4. ब्लड शुगर लेवल रहता है नियंत्रित

सितोपलादि चूर्ण में अल्फा-एमाइलेज अवरोधक गतिविधि दिखाई दे सकती है। यह एंजाइम ब्लड फ्लो में अवशोषण के लिए कार्बोहाइड्रेट को सरल शर्करा में तोड़ने में मदद करते हैं। इस एंजाइम के अवरोध से कार्बोहाइड्रेट का टूटना कम हो जाता है, और भोजन के बाद रक्त शर्करा में वृद्धि को रोका जा सकता है। हालांकि, सितोपलादि चूर्ण में चीनी भी मौजूद होती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीज इसे सीमित मात्रा में लें, और इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

5. इम्युनिटी बूस्ट करे

सितोपलादि चूर्ण संक्रमण और बीमारियों के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता पाई जाती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती हैं।

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बॉडी को मजबूत करता है। चित्र: शटरस्टॉक

6. त्वचा स्वास्थ्य में सुधार करता है

सितोपलादि चूर्ण में मौजूद जड़ी-बूटियां ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं और शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। इस प्रकार यह त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, जिससे त्वचा की रंगत में सुधार होता है। यह विशिष्ट सामान्य त्वचा समस्याओं को रोकने में भी मदद करते हैं।

जानें कैसे लेना है सितोपलादि चूर्ण

1. शहद के साथ: 1 से 2 चम्मच सितोपलादि चूर्ण को 1-2 चम्मच शहद के साथ मिलाएं। इसे दिन में दो या तीन बार लेना है।
2. गर्म पानी के साथ: 1 से 2 चम्मच सितोपलादि चूर्ण को गर्म पानी में मिला लें। इसका दिन में दो या तीन बार सेवन करें।
3. दूध के साथ: 1 से 2 चम्मच सितोपलादि चूर्ण को गर्म दूध में मिलाएं। इसका दिन में दो या तीन बार सेवन करें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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