एक्ने या मुंहासे स्किन की एक सामान्य समस्या है जो मुख्य रूप से युवाओं में दिखती है। पर इसका यह मतलब नहीं कि ये किसी और उम्र के लोगों को नहीं हो सकती। वास्तव में यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं। मुंहासे त्वचा की ऊपरी परत पर होने वाली एक प्रकार के ग्रंथियों के रूप में प्रकट होते हैं।
एक्ने को पिंपल्स के नाम से भी जाना जाता है। असल में किसी भी व्यक्ति में पिंपल्स की समस्या तब होती है, जब उसकी स्किन ऑयली हो या स्किन से ऑयल का उत्पादन ज्यादा होने लगा हो। तब स्किन सेल्स के फैलाव में कमी आ जाती है। इस वजह से त्वचा छिद्र यानी स्किन पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं और उनमें मौजूद ऑयल वहीं रुक जाता है। जिसके कारण उसी जगह पर पिंपल्स या मुंहासे निकलने लगते हैं।
एक्ने या मुंहासे वैसे तो एक आम समस्या हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। मुंहासे की समस्या होने का डर सबसे ज्यादा ऑयली स्किन वालों को होता है। ज्यादा ऑयल बनने से उनकी स्किन के पोर्स बंद हो जातें हैं और वे मुंहासो की स्थिति पैदा करतें हैं। जैसे ही मुंहासे पैदा हो जाते हैं उसके बाद कई तरह के बैक्टीरिया उन मुंहासों पर अटैक करतें हैं और इसी कारण से मुंहासों का विकास भी होने लगता है।
मुंहासों के प्रकार की बात करें तो मुंहासे कई तरह के होते हैं, लेकिन मुंहासों के कुछ आम प्रकार यहां मौजूद है :
ये छोटे गोली जैसे मुंहासे होते हैं जिनमें पानी भरा होता है।
ये गहरे मुंहासे होते हैं जिनकी वजह से स्किन पर निशान भी बन जाते हैं।
ये स्किन पर होने वाले छोटे मुंहासे होते हैं, जिनका रंग काला होता है।
ये गहरे और बड़े मुंहासे होते हैं, जिनमें पूरी तरह से पानी भरा होता है।
ये गहरे, कठोर और बड़े मुंहासे होते हैं, जो त्वचा के नीचे तक फैल सकते हैं।
ये गहरे और आकार में बड़े होते हैं, और उनके अंदर पस के साथ-साथ कई तरह की इम्प्योरिटीज भी होती है।
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मानव शरीर में मुंहासों की उत्पत्ति कैसे होती है, इस पर बात करें तो मुंहासे होने के कई कारण हो सकते हैं, जो त्वचा के रोगियों में विभिन्न तत्वों के संयोजन के परिणामस्वरूप होते हैं। मुंहासें होने के कुछ कारण ये भी हो सकतें हैं।
युवाओं में मुंहासे होने के कारणों में सबसे बड़ा कारण हॉर्मोन्स का बदलना होता है। युवाओं में प्रारंभिक जीवन के दौरान और जवानी के दौरान हार्मोन्स में कई तरह के परिवर्तन होते हैं, जिसका परिणामस्वरूप स्किन में बनने वाली ऑयल ग्रंथियों में बढ़ोतरी होती है, और इसी के कारण मुंहासे हो जाते है।
अकसर घर से निकलते ही हम धूल-मिट्टी, पॉल्यूशन की ज़द में आ जातें हैं। इसी कारण हवा में मौजूद बैक्टीरिया हमारी स्किन से कॉन्टैक्ट में आ जाते हैं और इसी कारण स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं के प्रभाव से संक्रमण के कारण मुंहासे उत्पन्न हो सकते हैं।
मुंहासे होने के कारणों में एक बड़ी वजह अत्यधिक समय धूप में ज्यादा बिताना भी होता है। ज्यादा धूप में लंबे समय तक रहने से भी त्वचा पर मुंहासे हो सकते हैं।
आजकल सुंदर दिखने की होड़ में हम लोग तमाम तरह के कॉस्मेटिक्स और मेकअप प्रोडक्ट्स प्रयोग करते रहते है। ये सभी प्रोडक्ट्स केमिकल्स से बनाए जाते हैं और ज्यादा केमिकल्स लगाने के कारण हमारी स्किन इससे प्रभावित हो जाती है और मुंहासों की स्थिति पैदा हो जाती है।
ज्यादा तली हुई और अत्यधिक मसाले वाले खाद्य पदार्थ खाने से त्वचा में ऑयल की मात्रा में वृद्धि हो सकती है, जो मुंहासों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है, साथ ही ज्यादा मीठा और आलू वाले खाद्य पदार्थ खाने से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जिससे स्किन में मुंहासे उत्पन्न हो सकते हैं।
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किसी भी तरह के मुंहासे ऐसे नहीं हैं जिसके लक्षण कई समय पहले से ही दिखने लगें, बल्कि इसके लक्षण तभी दिखते हैं, जब मुंहासे पूरी तरह से व्यक्ति की स्किन पर विकसित हो जातें हैं और दिखने लगते हैं। मुंहासों के लक्षणों में मुख्यतः स्किन के पोर्स खुल जाते हैं और वहीं मुंहासे होने लगते हैं। साथ ही खुजली होना भी एक तरह का लक्षण होता है। साथ ही मुंहासों के ये लक्षण भी हो सकते हैं।
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अगर आप मुंहासों के लक्षणों जैसे लाल दाने होना, चकत्ते पड़ना, दाने निकलने के बाद उसमे दर्द होना और दाने में पस भरने जैसी समस्याओं सें जूझ रहें हैं , तो इसके लिए डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही ले रही दवाओं के बारे में भी डॉक्टर को जानकारी दें।
मुंहासों का उपचार उनके प्रकार और गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। यहां हमने कुछ सामान्य तरीके बताए हैं, लेकिन अगर आपको भी मुंहासों की समस्या हुई है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, विशेषकर यदि आपकी स्थिति गंभीर है:
एक अच्छे स्किनकेयर रूटीन का पालन करें जिसमें स्किन की नियमित सफाई और मोइस्चराइज़िंग शामिल हो। स्किन की सफाई के लिए डेली क्लींजिंग और मोइस्चराइज़िंग क्रीम का उपयोग करें।
अक्सर कई लोगों की आदत होती है कि वे मुंहासों को दबा के फोड़ देते हैं, ऐसा तो हमें बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। मुंहासों को दबाने या असत्यापित करने से बचें, क्योंकि यह स्किन को और ज्यादा नुकसान पहुँचा सकता है और इससे इन्फेक्शन का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है।
स्वस्थ आहार का सेवन करना मुंहासों को जल्द से जल्द खत्म करने का भटरें उपाय है। अच्छी डाइट लेने से भी मुंहासों की समस्या कम हो सकती है। अगर आप अपनी डाइट में हल्दी, ग्लोकोनिंग, विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करेंगे तो आपको बहुत जल्द ही असर दिखने लगेगा।
मुंहासें अक्सर ऑयली स्किन वाले लोगों में भार मात्रा में होते है , इसलिए स्किन के लिए ऑयल-फ्री और कॉमेडोजेनिक प्रोडक्ट का प्रयोग करें ।
यदि किसी भी व्यक्ति को मुंहासों की समस्या हो गई है और ये बहुत गंभीर है तो साफतौर पर ये सामान्य उपायों से नहीं ठीक होगा । इसके लिए सबसे अच्छा उपचार यही है कि व्यक्ति को जल्द से जल्द स्पेस्लिस्ट की सलाह लेनी चाहिए।
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स्किन की अच्छी देखभाल करना मुंहासों को रोकने में मदद कर सकता है। आपको दिन में कम से कम दो बार अच्छे फेस वॉश से अपनी त्वचा को साफ करना चाहिए। साथ ही मुंहासों की समस्या से बचने के लिए सबसे जरूरी चीज 'हाइजीन' है, इसलिए आप जितने साफ़ वातावरण में रहेंगे, मुंहासों के होने का खतरा उतना ही कम होगा।
चेहरे पर होने वाले कील और मुंहासों के लिए आप घरेलू नुस्खा आज़मा सकते है। एलोवेरा जेल में एंटी-इनफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। आप इसको सीधे दागों पर लगा सकते हैं और इसे 20-30 मिनट तक छोड़ सकते हैं, फिर धो लें।लेकिन बेहतर और सटीक इलाज के लिए आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहद जरूरी है, क्योंकि डॉक्टर आपकी स्किन टाइप को देखकर आपकी सही इलाज़ बताएंगे।
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मुंहासों के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध होती हैं, लेकिन किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आपके मुंहासे के प्रकार और त्वचा की स्थिति के आधार पर, डॉक्टर आपको सही दवा और इलाज का सुझाव देंगे।