प्रदूषण, तनाव और केमिकल का बढ़ता इस्तेमाल स्किन के अलावा बालों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इससे बालों की नमी कम होने लगती है और ड्राइनेस का सामना करना पड़ता है। दरअसल, बालों को सही देखभाल न मिलना उनमें रूखेपन को बढ़ा देता है। ऐसे में शैम्पू और कंडीशनी पर बढ़ने वाली निर्भरता के अलावा हेयर ऑलिंग भी एक हेल्दी ऑप्शन है। इससे न केवल बालों के रोम को मज़बूती मिलती है बल्कि स्कैल्प का टैक्सचर भी इंप्रूव होने लगता है। जानते हैं वो कौन से नेचुरल ऑयल (Natural oils for hair) है, जो हेयर डेंसिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं।
अक्सर सर्दी की दोपहर में दादी कभी नारियल तो कभी बादाम के तले से बालों में देर तक मसाज किया करती थीं। इससे न केवल बाल मुलायम रहते है, बल्कि उनकी मज़बूती भी बढ़ने लगती थी। समय के अनुसार बालों की लंबाई और उसके लचीलेपन में आने वाली कमी हेयरफॉल का कारण साबित होती है। ऐसे में बालों की मज़बूती के लिए हेयर मसाज के अलावा अन्य इंग्रीडिएंटस में मिलाकर हेयर मास्क के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बालों में नेचुरल ऑयल मेंटेन रहता है।
इस बारे में सेलिब्रिटी स्किन और हेयर एक्सपर्ट डॉ जयश्री शरद बताती हैं कि बालों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तेल लगाना पोषण प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके लिए सप्ताह में एक से दो बार गुनगुने तेल से चंपी करना ज़रूरी है। नेचुरल ऑयल को बालों की कंडीशन के अनुसार ही चुनकर लगाएं। एक्सपर्ट से जानते हैं हेयर डेसिंटी बढ़ाने के लिए किन तेलों का करें इस्तेमाल।
विटामिन, मिनरल और फैटी एसिड से भरपूर नारियल के तेल से बालों को पोषण की प्राप्ति होती है। इससे बालों की थिकनेस बढ़ती है और हेयरफॉल की समस्या हल हो जाती है। तेल को हल्का गुनगुना करके बालों में मसाज करने से हेयर डेंसिटी में सुधार आता है। दरअसल, इसमें मौजूद एंटी माइक्रोबियल गुण स्कैल्प को रूखेपन को कम करके एग्ज़िमा से बचाने में मदद करते हैं। इससे हेयर फॉलिकल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है।
विटामिन सी से भरपूर आंवला के तेल को बालों में लगाने से बालों का नेचुरल पिगमेंट मेंटेन रहता है। इससे स्कैल्प इंफेक्शन से बचा जा सकता है। साथ ही हेयर वॉल्यूम में भी सुधार आने लगता है। नेशनल इंस्टभ्ट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें मौजूद पेक्टिन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा रोम की मजबूती को बढ़ाते हैं। इसके अलावा हेयर क्वालिटी और टैक्सचर में सुधार आने लगता हैं।
लैवेंडर ऑयल में बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते है, जिससे हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है और एलर्जी से भी बचा जा सकता है। लैवेंडर ऑयल को ऑलिव या नारियल तेल समेत किसी भी कैरीयर ऑयल में एड करके इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अप्लाई करने से एलोपीसिया का खतरा कम होने लगता है। इसके अलावा इस तेल की बूंदों को अरोमाथेरेपी के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।
बालों को टूटने से बचाने के लिए जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। इससे स्कैल्प को होने वाली इचिंग, इरिटेशन, रूसी और फ्रिज़ीनेस से बचाया जा सकता है। इसमें विटामिन, मिनरल और एंटीरऑक्सींटस की मात्रा पाई जाती है। बालों को धोने से पहले इसे स्पिल्ट एंडर पर अर्प्ला करने से बालों की मज़बूती बढ़ जसती है।
जर्नल ऑफ ट्राइकोलॉजी के अनुसार जैतून के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इससे बालों के शाफ्ट को गहराई तक नरिशमेंट मिलती है। इससे ऑयली बालों की समस्या हल हो जाती है और बालों की मज़बूती बढ़ने लगती है। इसमें मौजूद मॉइस्चराइज़िंग गुण बालों के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
फैटी एसिड से भरपूर बादाम के तेल से स्कैल्प मसाज करने से बालों पर यूवी रेज़ का प्रभाव कम होने लगता है। इससे रूखापन कम होता है और बालों की चमक बरकरार रहती है। इससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और सफेद बालों की समस्या हल हो जाती है। साथ ही हेयर डेंसिटी में सुधार आता है।
एवोकाडो में विटामिन ई की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे बालों की आउटर लेयर यानि क्यूटिकल्स का रूखापन कम होने लगता है और मज़बूती बढ़ जाती है। इसे गुनगुना करके उंगलियों या कॉटन की मदद से स्कैल्प पर अप्लाई कर लें। अब 30 मिनट के बाद माइल्ड शैम्पू से बालों को धोएं। इससे बालों की चमक बरकरार रहती है।