DIP Diet : क्या है डीआईपी डाइट, जिसे खाकर बढ़ते वजन और बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है

वेट लॉस और हेल्दी हार्ट का दावा करने वाली बहुत सारे डाइट प्लान इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसी ही एक डाइट है डिप डाइट। जिसे डीआईपी डाइट भी कहा जाता है। क्या यह वास्तव में कारगर है और इसे कैसे फॉलो किया जाता है, आइए जानते हैं विस्तार से।
Anti-inflammatory diet ke fayde
इसके सेवन से शरीर में फ्री रेडिकल्स का स्तर कम होने जाता है, जो रिएक्टिव मॉलिक्यूल्स के रूप में सूजन का कारण बनते हैं।
Published On: 14 Dec 2024, 09:00 pm IST
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DIP Diet नामका एक कंसेप्ट चीन से चला था। चलता ही गया। और आज अलग अलग मुल्कों में है। अलग अलग तरह से ही सही लेकिन है। भारत मे यह शायद नया चलन हो लेकिन महानगरों में अब यह तेज़ी से पनप रहा है। मेरी एक दोस्त अक्सर खाने में DIP को चुनती है, जिसे मैं ‘घासफूस’ बता कर भाग लेता हूं। लेकिन इस DIP diet का फुल फॉर्म है डिसिप्लिन्ड एंड इंटेलिजेंस पर्सन्स डाइट. तो फिर अब इस डीआईपी डाइट के बारे में समझते हैं। एक्सपर्ट से पूछेंगे कि क्यों यह ज़रूरी है शरीर के लिए और इसमें ऐसा क्या है जो हमारे घरों के पके पकाए खाने में नहीं है?

क्या है डिप डाइट? (What is DIP Diet?)

ऐसा कहा जाता है कि भारत में डिप डाइट का कंसेप्ट आगे बढ़ाने वाले डॉक्टर विश्वरूप रॉय चौधरी हैं। इसका मूल कंसेप्ट चीन से लिया गया है। यह डाइट केवल प्राकृतिक खाने की चीजों पर आधारित है जिसमें केवल कच्चे फल और कच्ची सब्ज़ियां हैं। डॉक्टर चौधरी के मुताबिक, इस डाइट को फॉलो करके बहुत सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है क्योंकि यह डाइट शरीर के नेचुरल हीलिंग प्रोसेस को बूस्ट करने में मदद करती है, इस वजह से कई बीमारियां रिवर्स हो सकती हैं।

डीआईपी डाइट में क्या खाया जाता है (Foods to eat in DIP Diet plan)

न्यूट्रीशनिस्ट और थेरेपिस्ट विक्रम सिंह मीना के अनुसार,

1. ताज़े फल (Fresh Fruits) : इस डाइट में सुबह के समय केवल फल खाने हैं।
2. कच्ची सब्जियां (Raw Fruits): रात के खाने में सलाद और कच्ची सब्ज़ियां खानी हैं।
3. अनाज या ड्राईफ्रूट्स (Grains and Dry Fruits): शाम के समय स्नैक्स के तौर पर अंकुरित दाल,चने या ड्राईफ्रूट खाया जा सकता है। कैसे खाना है उसके नियम तो हम आगे समझाएंगे ही पहले समझते हैं क्यों जरूरी है डिप डाइट।

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इस डाइट में बहुत सारे सलाद का सेवन किया जाता है। चित्र शटरस्टॉक।

डिप डाइट क्यों जरूरी है? (Why DIP Diet is important?)

1. गलत दिनचर्या:

समय पर ना खाना और खाना भी तो जंक फूड खाना ये आज बहुत सारे लोगों के लाइफस्टाइल का हिस्सा हो गया है। जाहिर तौर पर इसी वजह से शरीर मे नुकसानदेह चीजें ज्यादा हैं और काम की कम। इसलिए जरूरी है कि उसे प्राकृतिक चीजों से ठीक किया जाए।

2. शारीरिक गतिविधियों में कमी:

कुर्सियों पर बैठकर काम करने वाली दिनचर्या वालों के लिए यह और ज़रूरी चीज़ है। जब शरीर में खाने के नाम पर अनहेल्दी चीजे जा रही हों और शारिरिक गतिविधि ना के बराबर हो,ऐसे वक्त में डिप डाइट जरूरी है।

3. मानसिक तनाव:

इन दिनों हर दूसरा आदमी तनाव और चिंता का शिकार है। ऐसे वक्त में सही खाने का चयन ज़रूरी है जो उसे पोषण दे और तनाव से लड़ने की ताकत।

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एक थकान भरे दिन में एनर्जी के लिए आप किस पर भरोसा करती हैं?

यहां जानिए डिप डाइट के फायदे (Health benefits of DIP diet)

1. डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification):

डिप डाइट शरीर से विषाक्त चीजों (Toxic Elements) को निकालने में मदद करती है। फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां पाचन तंत्र को साफ करते हैं।

2. उर्ज़ा मिलेगी (Feel Energetic)

डिप डाइट अपनाने से आपको दिनभर एनर्जी फील होती है। प्रोसेस्ड केहाने की जगह प्राकृतिक खाना शरीर को जल्दी और ज्यादा एनर्जी प्रदान देते हैं।

4. वजन घटाएगा (Weight Loss)

डिप डाइट में लो कैलोरी और हाई फाइबर फूड्स(High Fibre Fruits) होते हैं जो वजन कम करने में मदद करेंगे।

5. सुधरेगा पाचन तंत्र (Digestion will Improve)

कच्चे और प्राकृतिक फूड्स पाचन तंत्र(Digestion System) को मजबूत बनाते हैं। अगर आप कब्ज़ जैसी समस्याओं के मरीज हैं तो डिप डाइट आपकी मदद कर सकती है।

6. इम्युनिटी होगी बूस्ट (Immunity Booster)

फल, सब्जियां और अंकुरित अनाज में मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स(Antioxidants) इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

इन 5 तरह की समस्याओं को दूर कर सकती है डीआईपी डाइट (DIP diet can reduce these 5 health problems)

1. डायबिटीज (Diabetes)

फल और सब्जियों में मौजूद नेचुरल शुगर शरीर में शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। इसलिए भी डिप डाइट डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

2. हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

यह डाइट शरीर में सोडियम का लेवल कम करेगी और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है, ताकि ब्लड प्रेशर हाई ना हो।

3. हृदय रोग (Heart Problems):

हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लिए डिप डाइट वरदान है। ये शरीर के प्राकृतिक फूड्स कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखता है जिससे हार्ट भी नियंत्रित रहता है।

4.स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problems)

कच्चे फलों और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी स्किन को हेल्दी रखते हैं।

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दावा किया जा रहा है यह डाइट स्किन प्रोबलम्स को दूर रखने में मददगार है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

5. डाइजेस्टिव डिसऑर्डर (Digestive Disorder):

डिप डाइट(DIP Diet) में फाइबर ज़्यादा होता है जो आपके पाचन तंत्र को सुधारता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।

डिप डाइट के नियम (How to follow Dip Diet)

लंच

विक्रम सिंह मीणा के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक आप लंच खत्म करने का प्रयास करें। लंच में आपको केवल फल खाने हैं। उनका कहना था कि आप अपने (शारीरिक वजन × 10) ग्राम के बराबर 3-4 तरह के फल खा सकते हैं। यह भी ध्यान रखना है कि फल अलग अलग तरह के हों। हाँ, आप अपनी पसंद के अनुसार फल चुन सकते हैं।

डिनर

कोशिश करें कि आप 7 बजे से पहले डिनर कर लें। डिनर में 4 तरह की कच्ची सब्जियाँ होनी चाहिए जो आपके (शरीर के वजन x 10) ग्राम के बराबर हो। शाम में भूख लगने पर आप अंकुरित अनाज, सूखा फल ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखना है कि अंकुरित अनाज उतने ही ग्राम हो जितना आपका वजन किलोग्राम में है।

डीआईपी डाइट को और ज्यादा इफेक्टिव बनाने के लिए याद रखें ये 2 बातें (things to remember with DIP diet)

1. प्रोसेस्ड फूड्स से बचिए

पैकेज्ड फ़ूड आइटम्स कैसे भी हों। वे लाख शुद्धता और हेल्दी होने का दावा करें, उन्हें मत खाइए। बिस्कुट, चिप्स, केक जैसी चीजे पूरी तरह से बंद कर दीजिए।

2. पानी खूब पीजिए

शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी ज़रूरी है लेकिन इसके साथ ध्यान यह रखना है कि खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं। इससे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है।

डिप डाइट को अपनाना शुरू में थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन इसके फायदे लंबे समय तक आपको स्वस्थ और बनाए रखेंगे। हां अगर आप किसी गम्भीर हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हों, तो इसको अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजियेगा।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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