DIP Diet नामका एक कंसेप्ट चीन से चला था। चलता ही गया। और आज अलग अलग मुल्कों में है। अलग अलग तरह से ही सही लेकिन है। भारत मे यह शायद नया चलन हो लेकिन महानगरों में अब यह तेज़ी से पनप रहा है। मेरी एक दोस्त अक्सर खाने में DIP को चुनती है, जिसे मैं ‘घासफूस’ बता कर भाग लेता हूं। लेकिन इस DIP diet का फुल फॉर्म है डिसिप्लिन्ड एंड इंटेलिजेंस पर्सन्स डाइट. तो फिर अब इस डीआईपी डाइट के बारे में समझते हैं। एक्सपर्ट से पूछेंगे कि क्यों यह ज़रूरी है शरीर के लिए और इसमें ऐसा क्या है जो हमारे घरों के पके पकाए खाने में नहीं है?
ऐसा कहा जाता है कि भारत में डिप डाइट का कंसेप्ट आगे बढ़ाने वाले डॉक्टर विश्वरूप रॉय चौधरी हैं। इसका मूल कंसेप्ट चीन से लिया गया है। यह डाइट केवल प्राकृतिक खाने की चीजों पर आधारित है जिसमें केवल कच्चे फल और कच्ची सब्ज़ियां हैं। डॉक्टर चौधरी के मुताबिक, इस डाइट को फॉलो करके बहुत सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है क्योंकि यह डाइट शरीर के नेचुरल हीलिंग प्रोसेस को बूस्ट करने में मदद करती है, इस वजह से कई बीमारियां रिवर्स हो सकती हैं।
न्यूट्रीशनिस्ट और थेरेपिस्ट विक्रम सिंह मीना के अनुसार,
1. ताज़े फल (Fresh Fruits) : इस डाइट में सुबह के समय केवल फल खाने हैं।
2. कच्ची सब्जियां (Raw Fruits): रात के खाने में सलाद और कच्ची सब्ज़ियां खानी हैं।
3. अनाज या ड्राईफ्रूट्स (Grains and Dry Fruits): शाम के समय स्नैक्स के तौर पर अंकुरित दाल,चने या ड्राईफ्रूट खाया जा सकता है। कैसे खाना है उसके नियम तो हम आगे समझाएंगे ही पहले समझते हैं क्यों जरूरी है डिप डाइट।
समय पर ना खाना और खाना भी तो जंक फूड खाना ये आज बहुत सारे लोगों के लाइफस्टाइल का हिस्सा हो गया है। जाहिर तौर पर इसी वजह से शरीर मे नुकसानदेह चीजें ज्यादा हैं और काम की कम। इसलिए जरूरी है कि उसे प्राकृतिक चीजों से ठीक किया जाए।
कुर्सियों पर बैठकर काम करने वाली दिनचर्या वालों के लिए यह और ज़रूरी चीज़ है। जब शरीर में खाने के नाम पर अनहेल्दी चीजे जा रही हों और शारिरिक गतिविधि ना के बराबर हो,ऐसे वक्त में डिप डाइट जरूरी है।
इन दिनों हर दूसरा आदमी तनाव और चिंता का शिकार है। ऐसे वक्त में सही खाने का चयन ज़रूरी है जो उसे पोषण दे और तनाव से लड़ने की ताकत।
डिप डाइट शरीर से विषाक्त चीजों (Toxic Elements) को निकालने में मदद करती है। फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां पाचन तंत्र को साफ करते हैं।
डिप डाइट अपनाने से आपको दिनभर एनर्जी फील होती है। प्रोसेस्ड केहाने की जगह प्राकृतिक खाना शरीर को जल्दी और ज्यादा एनर्जी प्रदान देते हैं।
डिप डाइट में लो कैलोरी और हाई फाइबर फूड्स(High Fibre Fruits) होते हैं जो वजन कम करने में मदद करेंगे।
कच्चे और प्राकृतिक फूड्स पाचन तंत्र(Digestion System) को मजबूत बनाते हैं। अगर आप कब्ज़ जैसी समस्याओं के मरीज हैं तो डिप डाइट आपकी मदद कर सकती है।
फल, सब्जियां और अंकुरित अनाज में मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स(Antioxidants) इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
फल और सब्जियों में मौजूद नेचुरल शुगर शरीर में शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। इसलिए भी डिप डाइट डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
यह डाइट शरीर में सोडियम का लेवल कम करेगी और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है, ताकि ब्लड प्रेशर हाई ना हो।
हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लिए डिप डाइट वरदान है। ये शरीर के प्राकृतिक फूड्स कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखता है जिससे हार्ट भी नियंत्रित रहता है।
कच्चे फलों और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी स्किन को हेल्दी रखते हैं।
डिप डाइट(DIP Diet) में फाइबर ज़्यादा होता है जो आपके पाचन तंत्र को सुधारता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
विक्रम सिंह मीणा के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक आप लंच खत्म करने का प्रयास करें। लंच में आपको केवल फल खाने हैं। उनका कहना था कि आप अपने (शारीरिक वजन × 10) ग्राम के बराबर 3-4 तरह के फल खा सकते हैं। यह भी ध्यान रखना है कि फल अलग अलग तरह के हों। हाँ, आप अपनी पसंद के अनुसार फल चुन सकते हैं।
कोशिश करें कि आप 7 बजे से पहले डिनर कर लें। डिनर में 4 तरह की कच्ची सब्जियाँ होनी चाहिए जो आपके (शरीर के वजन x 10) ग्राम के बराबर हो। शाम में भूख लगने पर आप अंकुरित अनाज, सूखा फल ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखना है कि अंकुरित अनाज उतने ही ग्राम हो जितना आपका वजन किलोग्राम में है।
पैकेज्ड फ़ूड आइटम्स कैसे भी हों। वे लाख शुद्धता और हेल्दी होने का दावा करें, उन्हें मत खाइए। बिस्कुट, चिप्स, केक जैसी चीजे पूरी तरह से बंद कर दीजिए।
शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी ज़रूरी है लेकिन इसके साथ ध्यान यह रखना है कि खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं। इससे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है।
डिप डाइट को अपनाना शुरू में थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन इसके फायदे लंबे समय तक आपको स्वस्थ और बनाए रखेंगे। हां अगर आप किसी गम्भीर हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हों, तो इसको अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजियेगा।
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