सेक्स लाइफ़ को सेफ बनाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी है। इससे न केवल प्रेगनेंसी का जोखिम कम होता है बल्कि यौन संचारित संक्रमणों से भी बचा जा सकता है। ऐसे में सिर्फ़ लेटेक्स कंडोम पर निर्भर रहना सही नही है। महिला कंडोम और फ्लेवर्ड कंडोम के अलावा ऐसे कई विकल्प हैं जिन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हां यौन गतिविधियों के दौरान कई और तरह के कंडोम का इस्तेमाल किया जा सकता है। हांलाकि उनमें से कुछ सिर्फ़ ओरल सेक्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने के लिए होते हैं। जानते हैं कंडोम के कुछ नए विकल्प (different types of condoms) ।
कंडोम गर्भावस्था को रोकने और सेक्स के दौरान यौन संचारित संक्रमण से बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बेरियल कान्टरासेप्शन के रूप में कार्य करता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ शोभा गुप्ता बताती हैं कि कंडोम की मदद से स्पर्म को योनि में प्रवेश करने और अंडे तक पहुँचने से रोकने का काम करता है। साथ ही एचआईवी, क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे संक्रमणों के बढ़ने के जोखिम को भी कम करता है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार कंडोम की मदद से सेक्स के कारण फैल रही जीका और इबोला वायरस की रोकथाम में भी मदद मिलती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगभग 98 फीसदी महिलाएँ जिनके यौन साथी एक वर्ष से ज्यादा समय तक सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते हैंए उन्हें अनप्लांड प्रेगनेंसी से बचाया जा सकता है।
प्राकृतिक रबर लेटेक्स से बने ये कंडोम सबसे आम प्रकार के कंडोम में से एक हैं। कॉन्ट्रासेप्शन जर्नल में प्रकाशित 2004 के रिसर्च के अनुसार लेटेक्स कंडोम सेक्स के दौरान बेहद कम टूटते या फिसलते हैं। रिसर्च के अनुसार ये कंडोम हाई कॉन्टरासेप्टिव एफिकेसी प्रदान करता है। खासकर जब इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
पतले, मजबूत प्लास्टिक मेटीरियल से बने ये कंडोम लेटेक्स एलर्जी वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं। एक्सपर्ट के अनुसार बाहरी कंडोम, जो पानी और ग्रीस के बचाता है, वो गर्भावस्था और एसटीआई के जोखिम को भी कम करता है।
ये कंडोम सिंथेटिक रबर से बने होते हैं और लेटेक्स मुक्त होते हैं। इनमें एलर्जी को बढ़ावा देने वाले प्रोटीन नहीं होते हैं जो लेटेक्स कंडोम में पाए जाते हैं। ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वे लोग जिन्हें एलर्जी है, उन्हें पॉलीआइसोप्रीन कंडोम चुनने चाहिए।
योनि में डाले जाने पर महिला कंडोम गर्भावस्था और एसटीआई से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे महिलाएँ जो पुरुष कंडोम पर निर्भर नहीं रहना चाहतीं हैं, वे इसे इस्तेमाल करती हैं। बीएमसी पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार एसटीआई को रोकने के लिए महिला कंडोम के साथ पुरुष कंडोम का उपयोग अधिक फायदेमंद साबित होता है।
ये लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन कंडोम स्पर्मीसाइड से कोटिड होते हैं, जो आमतौर पर जेली की फॉर्म में आते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार ये अंडे तक पहुँचने से पहले स्पर्म को मारकर गर्भावस्था की अतिरिक्त रोकथाम करते है। मगर कई बार ये जलन भी पैदा कर सकते है।
इस तरह के कंडोम में रिब या स्टड जैसी बनावट होती है। ये बिना टेक्सचर्ड कंडोम की तुलना में योनि में नर्वस को बेहतर तरीके से उत्तेजित करते है। साथ ही सेक्स के दौरान स्पाइस को भी बढ़ाता है।
एक्सपर्ट के अनुसार फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये लेटेक्स से बने होते हैं और ये फ्लेवर्ड होते हैं। बाज़ार में इसके कई फ्लेवर मौजूद हैं। यह जोड़ों के लिए ओरल सेक्स को और मज़ेदार बना सकता है।
पतले लेटेक्स से बने इन कंडोम को सेक्स के दौरान कंफर्टएबल होते है। सेक्स करते समय त्वचा पर त्वचा जैसा ही महसूस होते है। डॉण् गुप्ता कहते हैं कि ये अन्य कंडोम के समान ही मज़बूत होते हैं।
ये कंडोम मोटे लेटेक्स से बने होते हैं, जो ज़्यादा टिकाऊ होते हैं। इनके टूटने का जोखिम कम हो जाता हैं। ट्रांसलेशनल एंड्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी जर्नल के रिसर्च के अनुसार इस तरह के कंडोम पेनाइल इरेक्शन को बढ़ाते हैं और सेक्स की गुणवत्ता में सुधार आता है।
एक चमकदार परत के साथ आने वाले ये कंडोम अंधेरे में चमकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इसमें मौजूद ग्लोइंग एजेंट लेटेक्स से घिरा होता है, जिससे ये सेक्स को सुरक्षित बनाता है। साथ ही सेक्सुअल लाइफ में स्पाइस को एड करता है।
इस तरह के कंडोम में कोई ल्यूब्रिकेशन नहीं होती हैं। कुछ लोग सेक्स के दौरान नेचुरल ल्यूब्रिकेंट के रूप में नारियल के तेल का इस्तेमाल करते हैं। नॉन ल्यूब्रिकेटिड कंडोम का इस्तेमाल वे लोग करते है जिन्हें कंडोम में इस्तेमाल होने वाले स्नेहक के प्रति संवेदनशीलता होती है।
फ्रिक्शन को कम करने के लिए ल्यूब्रिकेटिड कंडोम सेक्स के दौरान आराम को बढ़ाते हैं और टूटने से बचाते हैं। नॉन ल्यूब्रिकेटिड कंडोम की तुलना में इन्हें पहनना भी आसान हो सकता है। इनका उपयोग एनल सेक्स के दौरान भी कर सकते हैं।
ये पतले कंडोम होते हैं जिन्हें संवेदनशीलता बढ़ाने और आनंद को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक्सपर्ट के अनुसार इस प्रकार के कंडोम समान स्तर की सुरक्षा बनाए रख सकते हैं। ये कंडोम पतले मटेरियल के कारण नियमित प्रकार के कंडोम जितने टिकाऊ नहीं होते हैं।
भेड़ की खाल से बनेए इस प्रकार के कंडोम प्राकृतिक संवेदना प्रदान करते हैं लेकिन एसटीआई से सुरक्षा नहीं देते हैं। वे आम तौर पर अधिक महंगे होते हैं और गर्भनिरोधक के लिए विश्वसनीय विकल्प नहीं होते हैं।
इस प्रकार के कंडोम में लुब्रिकेंट होते हैं जो सेक्स करते समय प्लेजर को बढ़ाने के लिए वार्मिंग या कूलिंग सेंसेशन बनाते हैं। विशेषज्ञ कहते हैंए ष्इन कंडोम में ऐसे लुब्रिकेंट हो सकते हैं जो कुछ व्यक्तियों में जलन या एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
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