त्वचा पर दिखने वाला रूखापन चिंता का कारण बनने लगता है। इससे बचाव के लिए अक्सर लोशन और क्रीम को चेंज करने से लेकर नए लुभावने विज्ञापनों की ओर लोगों का ध्यान खिंचा चला जाता है। लेकिन अगर आप नेचुरल ढ़ग से त्वचा को स्मूद, मुलायम और मॉइश्चराइज़ रखना चाहती है, तो होम रेमिडीज़ की मदद ली जा सकती है। दरअसल, सर्दी के दिनों में त्वचा में खिंचाव महसूस होने लगता है और स्किन का कलर भी बदला हुआ दिखने लगता है। ऐसे में त्वचा को हार्श वेदर से बचानेके लिए कुछ आसान टिप्स की मदद लें। जानते हैं किन आसान टिप्स की मदद से विंटर स्किन कियर (homemade winter care face masks) में मिलेगी मदद।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ नेहा दूबे बताती हैं कि पीक विटर्स में स्किन को रूखेपन से बचाने के लिए मॉइश्चराइज़र अप्लाई करें। इसे चेहरा धोने के बाद सुखाए बिना गीली त्वचा पर लगाएं, जिससे दिनभर त्वचा पर असरदार रहती है। इसके अलावा त्वचा पर फेशियल मिस्ट लगाने के बाद भी इसे अप्लाई कर सकते है। इससे स्किन को मुलायम बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही नेचुरल ऑयल के इस्तेमाल से भी स्किन को फायदा मिलता है।
तापमान का घटता स्तर त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इससे ठंडी हवा त्वचा की नमी को सोख लेती है, जिसके चलते स्किन रूखी लगने लगती है। साथ ही इचिंग व रैशेज का कारण बन जाती है।
सेंट्रल हीटिंग सिस्टम से भी त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है। इससे स्किन पर मौर त्वचजूद नेचुरल ऑयल में कमी आने लगती है और स्किन टैक्सचर से लेकर उसके रंग में बदलाव आने लगते हैं। साथ ही एजिंग का प्रभाव दिखने लगता है।
देर तक गर्म पानी में नहाने के बाद भी शरीर पर इचिंग का सामना करना पड़ता है। साथ ही चेहरे पर रैशेज का डर बना रहता है। प्राकृतिक तेल की कमी बढ़ने से रूखापन और बढ़ जाता है।
केमिकल युक्त साबुन या क्लींजर का लगातार इस्तेमाल करने से स्किन सेल्स क्षतिग्रस्त होने लगते है, जिससे स्किन रूखी हो जाती है। ऐसे में माइल्ड क्ली़ज़र लगाएं और केमिकल रहित प्रोडक्ट लगाएं।
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में ऑयल की कमी बढ़ने लगती है। ऐसे में सर्दियों के दौरान त्वचाअधिक संवेदनशील हो जाती है।
दिनभर में बार बार कॉफी और चाय जैसे कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन त्वचा के रूखेपन का कारण बनता है। साथ ही शरीर में निर्जलीकरण की समस्या बढ़ने लगती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सेब में फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। इससे त्वचा पर वायु प्रदूषण से होने वाली क्षति से राहत मिलती हैं। सेब को ब्लैड करके उसमें शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन मुलायम बनती है और एजिंग के प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ई की मात्रा त्वचा को हाइड्रेट रखा जा सकता है।
सेब को बिना छीले उसका पेस्ट तैयार कर लें। अब उसमें शहद को मिलाकर घोल बना लें। आवश्यकतानुसार गुलाब जल मिला सकते है। अब इसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड दें। उसके बाद स्किन को क्लीन कर लें।
स्किन को एक्सफोलिएट करने के लिए दालचीनी बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स को दूर करने में मदद करते है। इसे दही में मिलाकर लगाने से त्वचा का रूखापन कम किया जा सकता है।
इसे लगाने के लिए 2 चम्मच योगर्ट में 1ध्2 चम्मच दालचीनी मिलाकर पेस्ट तैयार की लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। 10 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने के बाद स्किन ड्राईनेस कम होने लगती है और स्किन पर नेचुरल ऑयल की मात्रा मेंटेन रहती है।
स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे सर्दी के मौसम में त्वचा पर दिखने वाले यूवी रेज़ के प्रभाव को कम किया जा सकता है। त्वचा की स्मूदनेस बढ़ती है और स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं। नियमित रूप से इसे चेहर पर लगाने से त्वचा का निखार बढ़ता है।
इसके लिए स्ट्रॉबेरी को ब्लैड कर दें। अब उसमें आवश्यकतानुसार एलोवेरा जेल को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। अब चेहरे को क्लीन कर लें। सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है।
स्किन की इलास्टीसिटी को मेंटेन रखने में मदद करने वाले चावल के आटे में बादाम का तेल मिलाकर लगोन से ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा में नमी स्टोर होती है और रैयोज का खतरा कम हो जाता है। इससे शुरूकता कम होने लगती है।
एक चम्मच चावल का आटा लेकर उसमें बादाम का तेल मिला दें। अब इसे पेस्ट में आवश्यकतानुसार दूध मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा की रंगत में निखार आता है और त्वचा में बढ़ने वाली शुरूकता को कम किया जा सकता है।