वेजाइना में खुजली और जलन हो सकते हैं वेजाइनल इंफेक्शन के संकेत, जानिए इसके बारे में सब कुछ

साफ-सफाई में लापरवाही से लेकर अनहेल्दी हेबिट्स तक वेजाइनल इंफेक्शन कई कारणों से हो सकता है। इसे छुपाने की बजाए जरूरी है कि आप इसके कारणों और हाइजीन की अच्छी आदतों के बारे में जानें। वेजाइनल इंफेक्शन को इग्नोर करना कई और समस्याओं का कारण बन सकता है।
vaginal infection se bachne ke liye hygiene ka dhyan rakhna sabse zyada zaruri hai
योनि में इंफेक्शन को इग्नोर करना बन सकता है बड़ी समस्या का कारण। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 13 Dec 2024, 08:28 pm IST
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विकासशील (Developing countries) मुल्कों में हेल्थ के छोटे– छोटे पहलुओं पर कम बात होती है। उसमें भी वीमेन हेल्थ पर तो और भी कम। यही छोटी दिक्कतों को नजरंदाज करना महिलाओं को बड़ी बीमारी की ओर धकेल देता है। वेजाइनल इंफेक्शन एक ऐसी ही समस्या है। आज हम आपको बताएंगे कि क्यों होता है इंफेक्शन (Vaginal infection causes) और डॉक्टर से जानेंगे इससे बचने का तरीक़ा।

क्या है वेजाइनल इन्फेक्शन (Vaginal Infection) 

वेजाइनल इन्फेक्शन वेजाइना (Vagina) में हुए संक्रमण को कहते हैं। ये इनफेक्शन बैक्टीरिया, फंगस, या वायरस के कारण हो सकता है। दरअसल वेजाइना में बैक्टीरिया और फंगस में एक बैलेंस होता है, लेकिन जब यही बैलेंस बिगड़ता है तो इनफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। सुनने में यह भले ही मामूली लगे ये इनफेक्शन कई बार और बड़ी जिम्मेदारियों को जन्म दे देता है।

वेजाइनल इन्फेक्शन के लक्षण (Vaginal infection symptoms)

1. यूरिन डिस्चार्ज में बदलाव/दर्द (Change in Vaginal Discharge):

यूरिन डिस्चार्ज करते हुए दर्द या जलन होना या वेजाइना से बदबू आना।

White discharge ke kaaran
थिक व्हाइट कर्डी डिसचार्ज एक प्रकार का फंगल डिसर्चाज होता है, जो शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से बढ़ जाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. खुजली और जलन (Itching and Burning):

वेजाइना और उसके आसपास खुजली और जलन होने लगे तो इनफेक्शन के ही लक्षण हैं।

3. लालिमा और सूजन (Redness and Swelling):

वेजाइना के आसपास की त्वचा लाल और सूज सकती है।

4. दर्द (Pain):

पेशाब के दौरान जलन या दर्द और सेक्स के दौरान दर्द।

5. अनियमित पीरियड्स (Irregular Menstrual Cycle):

पीरियड्स की साइकिल अनियमित हो सकती है।
फोर्टिस अस्पताल में स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मृति नासवा ने वैजाइनल इंफेक्शन को दो भागों में बांटा है।

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यहां हैं वेजाइनल इंफेक्शन के विभिन्न प्रकार (Types of vaginal infection)

  1. नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (Non Sexually Transmitted Infection)
  2. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually Transmitted Infection)

अब हम इन्हें और कई भागों में बांट सकते हैं:

1. बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis):

यह तब होता है जब वेजाइना में अच्छे और नुकसानदायक बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है। ये नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है।

2. फंगल इन्फेक्शन (Candidiasis/Yeast Infection):

यह कैंडीडा (Candida) नामक फंगस के कारण होता है। ये संक्रमण तब बढ़ता है जब फंगस का स्तर नॉर्मल से अधिक हो जाता है। इसमें आपकी वैजाइना लाल।हो जाती है। डायबिटीज के पेशेंट्स को इसका ख़तरा अधिक होता है।

3. ट्राइकोमोनायसिस (Trichomoniasis)

ये सेक्सुअली ट्रांसमिट हुआ इनफेक्शन (Sexually Transmitted Infection) है जो Trichomonas vaginalis नाम की बैक्टीरिया से फैलता है। सेक्स के दौरान कॉन्डोम ना इस्तेमाल करना, एक से अधिक पार्टनर्स के साथ सेक्स करना – ये इस इन्फेक्शन के प्रमुख कारण हैं।

4. हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes)

पीरियड्स, प्रेग्नेन्सी या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, इस बदलाव से भी वेजाइनल इन्फेक्शन हो सकता है। पीरियड्स के दौरान अगर आप अपने पैड्स तीन चार बार नहीं बदलते तो ये इन्फेक्शन कॉमन है।

5. वेजाइनल सफाई में गलत तरीका अपनाना (Hygiene mistakes)

वेजाइना को अंदर से साफ करने के लिए डूशिंग या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इनफेक्शन का कारण बन सकता है। ये भी नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन है।

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वल्वर सिस्ट योनि के दर्द का एक सबसे कॉमन कारण है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

वेजाइनल इन्फेक्शन से कैसे बचें (Tips to avoid vaginal infection)

1. वेजाइना को हल्के गुनगुने पानी से धोएं। बाहरी हिस्से की सफाई करें, लेकिन अंदरूनी हिस्से को जबरन रगड़ने की ज़रूरत नहीं।
2. सूती अंडरवियर का इस्तेमाल करें और तंग कपड़ों से बचें, जो पसीना रोक दे।
3. पीरियड्स के दौरान हर 4-6 घंटे में पैड या टैम्पोन बदलें। अक्सर ग्रामीण इलाकों में लोग इसे सीरियसली नहीं लेते जिस वजह से इंफेक्शन बढ़ जाता है।
4. सेफ सेक्स करें। सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। सेक्स के लिए एक से अधिक पार्टनर से बचें।
5. वेजाइना के पास परफ्यूम, डिओडोरेंट या किसी साबुन का इस्तेमाल न करें।
6. दही और प्रोबायोटिक्स युक्त खाना खाएं। चीनी कम से कम खाएं ।
7. तनाव कम लीजिए। ज्यादा तनाव लेने से शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है जो इनफेक्शन को बढ़ाता है।

वेजाइनल इंफेक्शन इन स्थितियों में हो सकता है गंभीर (When seek to a Doctor in vaginal infection)

अगर आपको ये समस्याएं महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिए-

1. वेजाइना से लगातार डिस्चार्ज।
2. खुजली या जलन जो घरेलू उपाय से ठीक न हो।
3. सेक्स के दौरान दर्द।
4. बार-बार वेजाइनल इन्फेक्शन होना।
5. बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द, या थकावट।

डॉक्टर स्मृति के अनुसार, इंफेक्शन को लोग अनदेखा या अनसीरियसली ले लेते हैं जिसकी वजह से यह बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। उनका कहना था कि ये जो हम इन्फर्टिलिटी को बड़ी समस्या के तौर पर देख रहे हैं, यह इन्हीं छोटी-छोटी बातों को इग्नोर करने का नतीज़ा है।

घरेलू उपाय जो मदद कर सकते हैं (Home remedies in vaginal infection)

1. दही (Yogurt)

दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।

2. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसे नारियल तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है।

3. गर्म पानी

हल्के गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाकर वेजाइना को धोने से राहत मिलती है।

vaginal wash ke liye gungune pani ka istemal karen
योनि को गुनगुने पानी से धोने से आराम मिल सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

4. लहसुन (Garlic):

लहसुन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। इसे अपने खाने में शामिल करें।

गलतियां जो वेजाइनल इन्फेक्शन का कारण बनती हैं (Mistakes that cause vaginal infection)

1. गीले अंडरवियर पहनना।
2. साबुन या अन्य सस्ते कॉस्मेटिक का वैजाइना पर इस्तेमाल।
3. पब्लिक टॉयलेट का गलत इस्तेमाल।
4. यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान न रखना। कॉन्डोम को अवॉयड करना
5. शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान न देना।
6.टाइट कपड़े जो वैजाइना को भी एयर टाइट बना देते हैं।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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