फर्ज़ करके देखिए कि आप अपने फोन के बिना कितने दिन रह सकते हैं? शायद एक दिन भी न रह सकें। फिर बढ़ती टेक्नोलॉजी ने फोन को दिनों दिन इतना जरूरी यंत्र बना दिया कि अब तो यह ऑल राउंडर भी बन चुका है। कॉल से लेकर कैमरा, मैसेज से लेकर विडियोकॉल– सब एक ही फोन में। लेकिन हम किसी फोन का प्रचार करने के लिए ये सब बातें हम आपको नहीं बता रहे। हम ये बातें आपको इसलिए बता रहे हैं ताकि आप समझ सकें कि आप का यही महत्वपूर्ण फोन आपके शरीर को कितने तरह का दर्द (mobile phone side effects) दे सकता है और वे दर्द दिनों दिन क्यों बढ़ते जाएंगे?
कुछ दिन पहले डॉक्टरों की टीम ने मिलकर एक सर्वे किया था। सर्वे के जो फाइंडिंग थी वे चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट कहती है कि फोन की वजह से जो बीमारियां (mobile phone side effects) हुई हैं उनमें ब्रेन ट्यूमर सबसे ज्यादा 74 परसेंट था। 80 प्रतिशत लोग फोन की वजह से बहरेपन के शिकार थे।37 प्रतिशत लोगों में मेल इन्फर्टिलिटी की भी समस्या थी और 45 प्रतिशत लोग इसकी वजह से ह्रदय रोग से भी जूझ रहे थे। ये तो हो गई रिपोर्ट की बात, अब आते हैं दर्द पर।
देखने के लिए हम सिर झुकाते हैं और यही आदत गर्दन और कंधों में दर्द का बड़ा कारण है। फिर इसी वजह से गर्दन में अकड़न, कंधे भारी लगने जैसी समस्याएं होती हैं।
फोन के साथ घंटों गलत तरीके से बैठने से रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है। कई बार ये समस्या इस हद तक बढ़ जाती है कि लोगों को बैठने उठने तक में दिक्कत होने लगती है।
फोन पर लगातार टाइपिंग और स्क्रीन स्वाइप करने से उंगलियों और हाथों की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। यह मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाला सबसे कॉमन साइड (mobile phone side effects) इफेक्ट है।
फोन की चमकदार स्क्रीन पर घंटों देखने से आंखें थक (mobile phone side effects) जाती हैं। इसी वजह से आँखों में जलन,धुंधला दिखाई देना और सिरदर्द जैसी दिक्कतें होती हैं।
लगातार फोन पर झुककर बैठने और स्क्रीन देखने से सिरदर्द होना आम बात है।
आपने ये तो लोगों को कहते सुना होगा कि इतनी लंबी बातचीत कि फोन पकड़े पकड़े हाथों में दर्द (mobile phone side effects) हो गया। यह गर्वोक्ति की न लेकर इसे दिक्कत की तरह देखा जाना चाहिए।
सिर झुका कर, पीठ को मोड़कर या गलत पॉस्चर में फोन इस्तेमाल करने से शरीर पर जोर पड़ता है। यही वजह है कि लोग पीठ के दर्द,सिर और गर्दन दर्द से अक्सर जूझते हैं।
लगातार फोन पकड़े रहने से हाथ और उंगलियों की मांसपेशियां थक जाती हैं। आंखें लगातार स्क्रीन पर फोकस करती हैं, जिससे वे थक जाती हैं। अगर फोन इस्तेमाल करते समय रुक-रुककर आराम न करें, तो मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
हमेशा कोशिश करें कि फोन आपकी आंखों के लेवल पर हो। और ज्यादा देर तक फोन न पकड़ें। सही पॉस्चर अपनाएं। बैठते समय पीठ सीधी रखें। और फोन को आंखों के लेवल पर रखने की कोशिश करें।
ज्यादा रोशनी से आंखें जल्दी थकती हैं। इसलिए बेहतर विकल्प यही है कि फोन अंधेरे में ना चलाएं और अगर चला भी रहे हैं तो ब्राइटनेस कम रखिए।
हर 20-30 मिनट में फोन से नजर हटाएं। शरीर को स्ट्रेच करें। फोन का स्क्रीन टाइम कम करें। हर 20 मिनट पर, 20 फीट दूर देखें, 20 सेकंड के लिए। खाने के वक्त या परिवार के साथ समय बिताते वक्त फोन को दूर रखें। रोज कुछ घंटे तय करें जब आप बिल्कुल फोन न छूएं। तय करें कि दिन में कितनी देर सोशल मीडिया पर रहना है।
सोने से पहले फोन देखने से दिमाग को आराम नहीं मिलता और नींद खराब होती है।
ध्यान रहे
डॉक्टर अविनाश राय के अनुसार अगर आप फोन को सही तरीक़े से और कम इस्तेमाल नहीं करते तो आपको इससे सीवियर यानी गम्भीर समस्याएं (mobile phone side effects) हो सकती हैं। इससे पहले तो आप क्रोनिक पेन के शिकार हो जाएंगे और आपकी गर्दन,पीठ और कंधे का दर्द परमानेंट हो जाएगा।
फोन के इस्तेमाल से आंखों की सेहत बिगड़ती ही है इससे कौन अनजान है? सिरदर्द, थकान और नींद की कमी जैसे गिफ्ट्स भी आपका फोन आपको दे सकता है,अगर आपको उसकी सोहबत कुछ ज़्यादा ही प्यारी है।
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