आपके एजिंग पेरेंट्स के लिए योग है जरूरी, इन 4 योगासनों का करवाएं अभ्यास

शरीर में संतुलन की कमी बढ़ जाती है, जिससे चोटिल होने का खतरा रहता है। ऐसे में खुद को फिट रखने के लिए योग की मदद ली जा सकती है। इससे न केवल मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ती है बल्कि तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
Ageing parents ke liye yoga ke fayde
योग के मानसिक और भावनात्मक लाभ भी हैं जो गिरने से बचाने में मदद कर सकते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 13 Dec 2024, 05:57 pm IST
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उम्र किसी काम को करन की मोहताज नहीं होती है, फिर चाहे वो व्यायाम ही क्यों न हो। अच्छी सेहत हर व्यक्ति का अधिक है, फिर चाहे वो बच्चा हो या बुजुर्ग। दरअसल, एज फैक्टर के कारण जॉगिंग करने वाले लोग धीरे धीरे सैर करने लगते हैं और फिर निभर बैठकर अपना वक्त बिता लेते है। अगर आप भी 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। मगर फिर भी खुद को फिट रखना चाहते हैं, तो योग एक बेहतरीन उपाय है। इस विकल्प को चुनकर न केवल शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं को खतरा भी टल जाता है। जानते हैं बुजुर्गों के लिए योगाभ्यास (yoga for aging adults) क्यों है फायदेमंद।

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि योग की मदद से शरीर में स्थिरता, लचीलापन और मोबीलिटी बढ़ने लगता है। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में संतुलन की कमी बढ़ जाती है, जिससे चोटिल होने का खतरा रहता है। ऐसे में खुद को फिट रखने के लिए योग की मदद ली जा सकती है। इससे न केवल मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ती है बल्कि तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही उम्र के साथ बढ़ने वाली हृदय समस्याओं का खतरा भी टल जाता है।

Yoga ke fayde
शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से में आपसी संतुलन को बनाए रखने के लिए योग बेहद ज़रूरी है।

जानते हैं योग बुजुर्गो के लिए क्यों है ज़रूरी (Yoga benefits for elderly person)

1. संतुलन और नियंत्रण को बढ़ाएं

शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से में आपसी संतुलन को बनाए रखने के लिए योग बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर को लचीलापन बढ़ने लगता है और उठने बैठने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। साथ ही उम्र के साथ लड़खड़ाकर चलते से बचा जा सकता है। दरअसल, योगाभ्यास की मदद से शरीर के मसल्स की मज़बूती बढ़ जाती है।

2. हृदय रोग से बचाए

नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके आर्टरीज़ में जमने वाले प्लाक से राहत मिलती है। योग की मदद से सांस पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है, जिससे हृदय रोगों की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

3. दर्द और ऐंठन को करे कम

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के अनुसार उम्र बढ़ने से जोड़ों में अकड़न और बोन डेंसिटी में कमी आने लगती है। साथ ही चोटिल होने या किसी बीमारी के कारण दर्द की समस्या बनी रहती है। रिसर्च के मुताबिक 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 21.75 फीसदी लोगों में पीठ दर्द की शिकायत रहती है।

इससे जीवन की गुणवत्ता और दैनिक जीवन की गतिविधियों को करने की क्षमता में कमी आ जाती है। नियमित रूप से अपने जोड़ों को हिलाने से दर्द कम हो सकता है और बुजुर्गों के लिए योग जैसे हल्के व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकते हैं।

Yoga ke fayde
बुजुर्गों के लिए योग जैसे हल्के व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकते हैं।

4. तनाव को बढ़ने से रोके

योगाभ्यास से कॉग्नीटिव स्किल्स बढ़ने लगता है। साथ ही नर्वस सिस्टम को नियंत्रित किया जा सकता है। गहरी सांस लेने और छोड़ने से मन को शांति मिलती है और एकाग्रता बढ़ने लगती है। साथ ही उम्र के साथ बढ़ने वाली भूलने की समस्या से भी राहत मिल जाती है। मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि आवश्यक है।

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5. मसल्स की मज़बूती को बढ़ाए

यूसीएलए की रिपोर्ट के अनुसार 50 वर्ष की उम्र के बाद शरीर के लचीलेपन में कमी आने लगती है। ऐसे में सालाना 65 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के एक तिहाई लोग गिरकल चोटिल होते हैं। इससे बुजुर्गों में चोटिल होने का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में रोज़ाना योग की मदद से मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है और गिरने का डर कम होने लगता है।

बुजुर्गो के लिए योगासन (Yoga poses for ageing adults)

1. ऊर्ध्व बद्धांगुलियासन (Upward facing bow)

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं।
  • पैरों को जमीन पर मज़बूती से चिपकाकर खड़े हो जाएं और दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से जकड़ लें।
  • ताड़ासन में खड़े होकर पीठ को एकदम सीधा करके रखें और इस दौरान टांगों को एक दूसरे से जोड़कर रखें।
  • अब गहरी सांस लें और छोड़ें। शरीर की क्षमता के अनुसार ही इस योगासन का अभ्यास करें।

2. उत्कटासन (Chair pose)

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों में दूरी बनाकर रखें।
  • उसके बाद टांगों को घुटनों से मोड़ लें और दोनों बाजूओं को कोहनी से सीधा करते हुए सामने की ओर रखें।
  • अब धीरे धीरे कुर्सी पर बैठने के समान शरीर को नीचे लेकर जाएं और गहरी सांस लें और फिर
  • शरीर को सामान्य मुद्रा में ले आएं। शरीर की क्षमता के अुनसार योगाभ्यास करें। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है।
Chair pose back fat ko kum karne mei hai kaargar
इससे शरीर के पोश्चर में भी सुधार आने लगता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. सर्वांगासन (Shoulder stand)

  • शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए सर्वांगासन बेहतरीन योग मुद्रा है। इसके लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं।
  • अब दोनों टांगों को जोड़ लें और टांगों को उपर की ओर उठाएं। आप चाहें, तो इसके लिए दीवार का भी सहारा ले सकते है।
  • गर्दन और कंधों को जमीन पर टिकाकर रखें और हाथों को कमर पर रखें।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें ।

4. वज्रासन (Thunderbolt pose)

  • मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब अपने हिप्स को एड़ियों पर टिका लें और पैरों को एक दूसरे से जोड़कर रखें।
  • हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ को सीधा कर लें।
  • इसका नियमित अभ्यास दर्द और ऐंठन को दूर करता है।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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